Monday, October 31, 2016

बचपन मे लौट जाने को दिल करता है..

बचपन मे लौट जाने को दिल  करता है..



ना जाने क्यूँ आज लुक्का चुप्पी खेलने का मन करता है..
गर्मी की छुट्टियो मे सबके साथ घूमने का जी करता है

लुडो और साँप सीढ़ी मे बेईमानी करने का जी करता है...
केरम बोर्ड मे रानी निकाल के उछलने का जी करता है.

ना जानी क्यूँ पापा के साथ पतंग उड़ाने का जी करता है..
लटाई पकड़ के पतंग को ढील देने का मनकरता है.

ना जाने क्यूँ आज स्कूल के बाहर के समोसे खाने को जी करता है...
भेलपुरी मे थोड़ाऔर चटनी डलवाने को जी करता है.

ना जाने क्यूँ आज रिक्शे से स्कूल जाने को जी करता है....
बीच मे उतर कर रिक्शे को धक्का लगाने का जी करता है.

ना जाने क्यूँ आज स्कूल की प्रेयर गाने को जी करता है...
टेस्ट मे अपने दोस्त के साथ बैठ के चीटिंग करने का जी करता है...

ना जाने क्यूँ आज फिर से बचपन मे लौट जाने को जी करता है..
मस्त मलन्ग हो के ज़िंदगी जीने को जी करता है.

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