Monday, October 24, 2016

ज़िंदगी का मज़ा ......

ज़िंदगी का मज़ा ......


आसानी से मिल जाए जो ,उसको पाके क्या मज़ा है..
आनंद तो मेहनत करके कुछ पाने में है.



रास्ता अगर सीधा हो तो ज़िंदगी मे क्या मज़ा....
खुशी तो ख़तनाक रास्ते को पार के लक्ष्या पाने मे है



लोगों का काम है तुम्हे टोकना ...हर कदम पर तुम्हे रोकना
सुकून उस काम को पूरा करके लोगों की बोलती बंद करने में है.


भेड़ चाल में चल दिए तो तुम्हारा अपना वजूद क्या रहेगा
संतुष्टि तो अकेले अपनी राह बना के मंज़िल को पाने में है.....


सोने के पिंजरे में रहेने से बेहतर, चिड़िया की खुशी गगन को छूने मे है..
ज़िंदगी का असली मज़ा तो नामुमकिन को मुमकिन करने मे है

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