Saturday, April 27, 2019

ज़िन्दगी की डगर……..



 जिंदगी एक दौड़ नहीं है, है यह एक सुहाना सफ़र...
हर पल कुछ नया सीखने को है....है यह ऐसी डगर,

हर सुबह लाती है उम्मीद की नई किरण  ..
नया है दिन ...नई है राह , मत रख कोई शिकन,

कल के काले बादलों के साए को  अब तू   हटा...
आज है तेरे लिए नया दिन...कुछ कर के दिखा ,

बीत गया हा वोह पल...था वो इक बुरा सपना ..
यह पल ज़िन्दगी ने दिया है तुझे ...है यह तेरा अपना

ख्वाबों को खवाब ना रहेंदे  ....करना है आज पूरा उन्हें...
जाग   !!! बहुत खो चूका है तू ज़िन्दगी में,

हिम्मत ना हारना  गिरता है अगर आज तू..गिर के तू सीख...
कुछ कर ऐसा आज की ज़िन्दगी के  स्वरण पन्नो में तू  लिख,

लिख कुछ ऐसा आज की फक्र हो खुद को तुझपे....
दृण निश्चय ले कर...चल पड़ तू  अपनी डगर पे,

अगर आज भी तूफ़ान आता हा ....हाताश मत होना..
दट कर हिम्मत से तू उसका सामना करना,

ज़िन्दगी के सागर में ...आती हैं बहुत लहर...
सीख उन लहरों से .....तू आज मत  ठहर

ठहर गया तू आज अगर तो  ज़िन्दगी थम  जाएगी....
पता नहीं फिर ज़िन्दगी कब  तेरे लिए नया दिन लाएगी,

सोच उन परिदों का जो उछईयाँ हैं छुते ....
हर उड़ान से पहेले वो अपना लक्ष्य बना लेते,

 आज उड़ इक आज़ाद  पंछी  जैसे, तुझे न कोई रोकेगा
मन में रख विश्वास ...तू लक्ष्य पे पहुंचेगा!!!!

Ritu Suri

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