नयी उमंग ...
एक दिन अगर काले बदल आ जाएं
एक दिन अगर खिले फूल सूख जाएं...
उजाले में भी जब तुझे अंधेरा दिखे
जब सब कुछ होते हुए भी तुझे अकेला लगे...
जब सही करने के बाद भी दुनिया वाले तेरे पे ऊँगली उठाएं
तेरी कामयाबी के बाद भी तुझे हार महसूस करवाएं...
जिस दिन यह रंगीन दुनिया तुझे बेरंग दिखने लगे
जो भी तूने अब तक किया वह बहुमूल्य ना लगे
उस वक़्त ...
तू रुकना ना, तू झुकना ना,..
हताश हो के टूटना ना
यह सोच के आगे बढ़ना....
यह काले बदल छट जायेंगे ..
नयी कली और फूल खिल जायेंगे
दुनिया वाले तेरी तरक्की को देख के ..
तेरे कामयाबी के गुण गाएंगे
....
... ऋतू सूरी
एक दिन अगर काले बदल आ जाएं
एक दिन अगर खिले फूल सूख जाएं...
उजाले में भी जब तुझे अंधेरा दिखे
जब सब कुछ होते हुए भी तुझे अकेला लगे...
जब सही करने के बाद भी दुनिया वाले तेरे पे ऊँगली उठाएं
तेरी कामयाबी के बाद भी तुझे हार महसूस करवाएं...
जिस दिन यह रंगीन दुनिया तुझे बेरंग दिखने लगे
जो भी तूने अब तक किया वह बहुमूल्य ना लगे
उस वक़्त ...
तू रुकना ना, तू झुकना ना,..
हताश हो के टूटना ना
यह सोच के आगे बढ़ना....
यह काले बदल छट जायेंगे ..
नयी कली और फूल खिल जायेंगे
दुनिया वाले तेरी तरक्की को देख के ..
तेरे कामयाबी के गुण गाएंगे
....
... ऋतू सूरी
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