याद है वो
पल जब नन्ही
परी ने इस
दुनिया में कदम
रखा था
ज़िन्दगी रंग लाई
थी और मन
खिलखिला उठा था
गुड़ीया को जब
मैंने पहेली बार
गोदी लिया था
ज़िन्दगी का असली
मतलब मैने उस
दिन सीखा था
उसकी आँखों की चमक
ने मुझे जगमग
किया था
याद है वो
पल जब उसकी
मासूम हसीं ने
मेरा दिल जीत
लिया था
नन्ही सी ऊँगली
ने जब मेरा
हाथ थामा था
पल भर के
लिए समय ही
थम सा गया
था
लड़खड़ा के जब
उसने चलना सीखा
था
उसकी चाल को
देख के मन
गदगद हो गया
था
पहेली बार जब
उसने मुझे माँ
बुलाया था
आँखे नम हो
गयी थी , जीवन
का असली महत्व
समझ आया था
..
ना जाने कब
मेरी नन्ही गुड़िया
, इतनी बड़ी हो
गयी
मेरे घर का
जगमग तारा किसी
और के घर
की रौशनी बन
गयी
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