
चल चल राह में हार कर रुकना नहीं
ज़िन्दगी की राह में कभी तू थकना नहीं …..
गिर के उठना , उठ के संभलना
ज़िन्दगी में कभी तू ना रुकना …..
ना रुका है समय , ना रुकी हा ये धरती
तू भी ना डर इन बाधाओं से चलता चल यह ज़िन्दगी नहीं रूकती
ठोकरों पे ठोकर खा कर ...हाताश ना कर तू अपना मन
ठान ले करके दिखाना है चल चल तू आगे चल ..
क्यूँ सोचता है जो हो गया जो ...था वोह बीता पल
आगे है पूरी ज़िन्दगी ...तू अपनी मंजिल की और चल...
अपने पे रख विश्वास ...दृण निश्चय कर …
मंजिल को तू पायेगा आज नहीं तो कल ...
I read it d right time, when i need it d most.
ReplyDeletethanks and keep writing!